Short story writing tips by Vinita Shukla

Writing TIp
Vinita Shukla has shared her tips in Hindi for Short Story writers.
नये लेखकों को, (कहानी) लेखन हेतु, कुछ सुझाव प्रेषित कर रही हूँ ; जो निम्नवत है-
१- कथानक विषय के इर्द- गिर्द ही घूमना चाहिए. अर्थात कहानी का उद्देश्य, उसमें निहित संदेश के रूप में, उभरकर सामने आना चाहिए. विषय से भटकाने वाली घटनाएँ/ किसी एक घटना का आवश्यकता से अधिक विवरण, गैरजरूरी वाक्य/ शब्द कहानी से हटा देनी चाहियें. इससे कहानी में crispness आती है; उसका प्रभाव पाठकों पर अधिक पड़ता है.
२- कम से कम शब्दों में, बात को प्रभावी ढंग से कहने का हुनर आना चाहिए. इसके लिए लेखकों को मुहावरों व लोकोक्तियों का अच्छा ज्ञान होना आवश्यक है. उनकी शब्दावली भी समृद्ध होनी चाहिए. बार बार किसी शब्द या वाक्य का प्रयोग करने से बचना चाहिए. इससे कहानी का सौन्दर्य कम होता है और वह पाठक के लिए उबाऊ हो जाती है.
३- भाषा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. यदि आप कोई वाक्य बना रहे हैं और उसमें आंचलिक भाषा, खड़ी बोली,अंग्रेजी, उर्दू आदि सब भाषाओं के शब्द ठूंस दे रहे हैं तो इसे उचित नहीं  कहा जा सकता. वाक्य- विन्यास के लिए आवश्यक है कि जहाँ तक हो सके, एक ही प्रकार की भाषा का प्रयोग किया जाए; अन्यथा वाक्य अटपटा प्रतीत होगा.
४- कथावस्तु मौलिक होनी चाहिये. यथासंभव घिसे- पिटे मुद्दों और संदर्भों को लेकर, कलम घसीटनी नहीं चाहिए. इसके लिए लेखक की मानसिक क्षितिज व्यापक होनी चाहिए. लेखक अच्छा तभी बन सकता है जब वह एक अच्छा पाठक भी हो. उसे अपने समकालीन, महत्वपूर्ण लेखकों का साहित्य पढ़ना चाहिए एवं current affairs या सामयिक विषयों की जानकारी होनी चाहिए.
५- लेखक की अपनी एक अलग भाषा – शैली होनी चाहिए. उसे किसी दूसरे लेखक की भाषा- शैली की नकल नहीं करनी चाहिए. अभिव्यक्ति का अलग अंदाज़ ही, उसे लेखकों की भीड़ में पहचान दिलवा सकता है.
६- कहानी का शीर्षक, कथावस्तु के अनुकूल होना चाहिए. कहानी की लोकप्रियता, बहुत- कुछ, उसके शीर्षक पर निर्भर करती है.
७- कहानी को कैसे develop(विकसित) करना है और कैसे उसका अंत करना है; यह भी लेखन कला के लिए महत्वपूर्ण है.
८- लेखक को अपना आलोचक खुद बनना चाहिए. खुले दिमाग से अपनी रचना की कमियाँ ढूँढने की कोशिश करें. बार बार अपनी रचना को पढ़ने से उसकी कमियाँ पता चलेंगी और आप उसे दूर कर सकेंगे. इसके लिए धैर्य की महती आवश्यकता है.
९- कहानी मार्मिक हो या फिर उसमें पाठकों के दिलोदिमाग पर असर छोड़ने की क्षमता हो. इसके लिए यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने विचारों को, किस तरह, पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं.
१०- कहानी का प्रवाह आदि से अंत तक बना रहना चाहिए और उसमें पाठक को बांधे रखने की क्षमता होनी चाहिये,. इसके लिए आवश्यक है कि कहानी के प्रसंग/घटनाएँ आपस में जुड़े हों( interconnected) हों. रहस्यपरक कहानी में रहस्य अंत तक बना रहना चाहिए.
सधन्यवाद,
About Author
बी.एस. सी., बी.एड. (कानपुर विश्वविद्यालय)
फल संरक्षण एवं तकनीक (एफ.पी.सी.आई., लखनऊ)
अतिरिक्त योग्यता- कम्प्यूटर एप्लीकेशंस में ऑनर्स डिप्लोमा (एन.आई.आई.टी., लखनऊ)
१- सेंट फ्रांसिस, अनपरा में कुछ वर्षों तक अध्यापन कार्य
२- आकाशवाणी कोच्चि के लिए अनुवाद कार्य
सदस्य, अभिव्यक्ति साहित्यिक संस्था, लखनऊ

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