आज मातृभारती.कॉम आयोजित राष्ट्रीय लघुकथा प्रतियोगिता में श्रेष्ठ लघुकथाओं को पुस्तक स्वरूप देकर पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम रखा गया। लघुकथा संकलन का नाम स्वाभिमान दिया गया है और इसे प्रकाशित किया है वनिका प्रकाशन ने।
इस मौके पर देश के विभिन्न राज्यों से आए हिंदी लघुकथाकारों ने अपनी अपनी लघुकथाओं का पाठ किया। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य मेहमान थे वरिष्ठ कथाकार श्री सुभाष नीरव, वरिष्ठ लघुकथाकार व आलोचक श्री जितेंद्र जीतू और प्रकाशक श्रीमती नीरज सुधांशु। कार्यक्रम का संचालन किया कवियुत्री व लेखिका श्रीमती नीलिमा शर्मा जी ने। कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए मातृभारती.कॉम के फाउंडर श्री महेंद्र शर्मा जी ने उपस्थित महमानों का स्वागत किया और साथ ही लघुकथा लेखकों और लेखिकाओं का प्रोयसहन बढ़ाया। साथ ही इस दिन यानी 11जनवरी को प्रति वर्ष लघुकथा स्वाभिमान दिवस के तौर पर मनाने का भी प्रस्ताव रखा।
श्री सुभाष नीरव जी ने अपनी लघुकथा यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि इस विषय पर प्रतियोगिताओं का होना एक उत्तम कार्य है, प्रतियोगिताओं के माध्यम से ही श्रेष्ठ लेखकों को पाठकों के समक्ष लाया जा सकता है। साथ ही उन्होंने लघुकथा लेखकों व नवोदितों के लिए एक वर्कशॉप करने का भी प्रस्ताव रक्खा।
श्री जितेंद्र जीतू जो इस प्रतियोगिता के निर्णायक भी रहे, उन्होंने अपने मन्तव्य प्रेक्षकों के समक्ष रक्खे। श्रेष्ठ लघुकथाओं का मार्मिक पाठ करके श्री जितेंद्र जीतू ने लघुकथाओं का जीवन में क्या महत्व है उसपर अपनी राय प्रेक्षकों के सामने रक्खी। प्रतियोगिता में 5 सर्वश्रेष्ठ कथाओं को सम्मान दिया गया जिसमें भगवान वैद्य, डॉ.आर बी भंडारकर,रत्न कुमार सांभरिया,प्रदीप मिश्र,शोभा रस्तोगी
शामिल हैं।
श्रीमती नीरज सुधांशु ने अपनी प्रकाशक व निर्णय की भूमिका के बारे में प्रेक्षकों को अवगत कराया व साथ ही प्रतियोगिता एक विषय के अनुरूप लेखन को योग्य बताया। विषय व समयमर्यादा के साथ लिखकर ही लेखक एक उत्कृष्ट रचना का सर्जन कर सकता है।
कार्यक्रम के अंत मे श्री महेंद्र शर्मा जी ने सभी उपस्थित मेहमानों के प्रति आभार व्यक्त किया और भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रमों को करने की भी आशा जताई।